Tuesday, May 19, 2015

शर्मिन्दा होने के अपने - अपने कारण

खबरी -- प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है की उनके प्रधानमंत्री बनने से पहले हर आदमी भारतीय होने पर शर्मिंदा था। 


गप्पी -- इस देश में हर आदमी के शर्मिंदा होने के अपने-अपने कारण हैं।  पहले कुछ लोग ये नारा लगते थे " गांधी हम शर्मिंदा हैं,तेरे कातिल जिन्दा हैं। "

इस हिसाब से तो वो लोग अब भी शर्मिंदा होंगे।  कुछ बेवकूफ लोग छोटी-छोटी बातों पर भी शर्मिंदा रहते हैं जैसे बाल  मजदूरी पर, दुनिया के सबसे ज्यादा अनपढ़ भारत में होने पर, अब तक सिर पर मैला ढोने  की प्रथा पर, लड़कियों को गर्भ में मारे  जाने की घटनाओं पर, बहुओं को जलाये जाने की घटनाओं पर , बलात्कार की बढ़ती घटनाओं पर इत्यादि। अब इस तरह के लोगों का आप कुछ नही कर सकते , ये लोग हमेशा शर्मिंदा रहेंगे।

             लेकिन जो उद्योगपति केवल इस लिए शर्मिंदा थे की केवल 3 लाख करोड़ ही लूटने को मिले, वो अब गर्व महसूस कर सकते हैं की सरकार उनके लिए अनन्त लूट के अवसर पैदा कर रही  है। 

              मुझे कुछ लोग इस बात पर भी शर्मिंदा मिले जो कहते हैं कश्मीर चुनाव में आप जिस बाप-बेटी पर कश्मीर को लूटने का आरोप लगाते थे आपने उसी बाप-बेटी के साथ मिलकर सरकार बना ली। अब ये लोग राजनीती नही समझते तो आप क्या कर सकते हैं। 

               काले धन और रोजगार के सवालों पर आपकी पलटी से देश के बहुत से लोग सकते में हैं, वो जब होश में आएंगे तो शायद शर्मिंदा हों, परन्तु अभी तो उन्हें बहुत से झटके  बर्दास्त करने है और उन्हें शायद ही होश में आने का समय मिले। 

               कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो उन कारणों पर कभी शर्मिंदा नही होते जिन पर शर्मिंदा होने की लोग उनसे उम्मीद करते हैं।  जैसे आरएसएस कभी इस बात पर शर्मिंदा नही हुई की उसने आजादी की लड़ाई में भाग नही लिया, लेकिन इस बात पर शर्मिंदा है की आजादी के बाद एक अछूत द्वारा बनाया गया संविधान लागु कर दिया गया जबकि हमारे पास पहले से ही मनुस्मृति मौजूद थी। लोग तो आपसे भी 2002 पर शर्मिंदा होने की उम्मीद कर रहे थे, परन्तु क्या आप हुए , नही हुए।

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.