Saturday, May 30, 2015

दुनिया हमारी तरफ देख रही है

खबरी -- प्रधानमंत्री ने कहा है की दुनिया हमारी तरफ देख रही है। 


गप्पी -- दुनिया किसी की तरफ क्यों देखती है , या तो आदमी बहुत ही अजीब हो या नंगा हो। बहुत वैभवशाली होने पर भी देख  सकती है परन्तु वो कारण तो हमारे ऊपर लागु नही होता।  बाकि बचे दोनों कारणों में से कोनसा कारण है की दुनिया हमारी तरफ देख  रही है। अभी एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की रिपोर्ट आई की दुनिया में सबसे ज्यादा भूखे भारत में हैं। हमने इस पर एतराज नही किया बल्कि उसका रास्ता निकाला की गर्मी के कारण 2500 लोगों को मर जाने दिया। कुछ भूखे कम हो गए , देश की छवि खराब कर रहे थे। भूखों को कम करने का दूसरा उपाय हमने ये किया की राशन में मिलने वाले अनाज में कटौती कर दी, उसका असर भी दिखने लगा है की छत्तीसगढ़ में मरने वाले एक आदमी का जब पोस्टमार्टम किया गया तो पाया की उसके पेट में अन्न का एक दाना भी नही था।  मतलब सरकार की पॉलिसी काम कर रही है। बहुत नही तो साल में 50 -40 हजार भूखे कम हो सकते हैं। उसके बाद हमने निशानदेही की कि ये भूखे और क्या-क्या इस्तेमाल करते हैं। पता चला की सरकारी हस्पताल का इस्तेमाल करते हैं, हमने तुरंत स्वास्थ्य बजट में 20% की कटौती कर दी, अगर इसी दर से कटौती करते रहे तो 5 साल की जब हमारी टर्म पूरी होगी, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक पैसा नही बचेगा। इसी तरह जब हमे पता चला की मनरेगा का इस्तेमाल भी ज्यादातर ये भुख्खड़ करते हैं तो हमने उसमे भी कटौती कर दी। हमारा इरादा तो उसे बिलकुल बंद करने का था, अब हम उसके लिए जनमत बना रहे हैं, हमारे भाड़े के विशेषज्ञ टीवी चैनलों पर इसके खिलाफ 24 घण्टे लगे हुए हैं। हम दूसरे क्षेत्रो की भी पहचान कर रहे हैं।  प्रधानमंत्री ने कहा भी है की " गरीबों के बारे में कोई भी सुझाव मानने को सरकार तैयार है."

इसलिए जब तक भूखे-नंगों की संख्या कम नही हो जाती, जब भी दुनिया हमारी तरफ देखे तुरंत उकडू बैठ जाओ , अभी तो नंगापन छिपाने का यही एक तरीका अपने पास है।

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