Saturday, March 19, 2016

व्यंग -- मेरे मुहल्ले के गुंडे और भारत माता की जय।

                  सुबह सुबह घर से निकला तो नुक्क्ड़ की पान की दुकान पर चार पांच लड़के खड़े थे। ये सब आवारा किस्म के और गुंडा टाइप लड़के थे जिनसे माँ बाप ने भी उम्मीद छोड़ दी थी। ये लोग मुहल्ले में लड़कियों पर कॉमेंट करने , रस्ते के बीचों बीच बाइक खड़ी करने और देर रात को जोर जोर से हॉर्न बजाने जैसे काम लगातार करते थे। इस बात पर कई बार मुहल्ले के एकाध आदमी के साथ उनका झगड़ा भी हो चूका था। बाकि लोग इनके मुंह लगने से डरते थे। आम आदमी की इसी कमजोरी का ये लोग फायदा उठाते थे। इनके साथ मेरा भी कई बार झगड़ा हो चूका था। मामला बेसक दूसरे का था लेकिन मैं ये ज्यादती बर्दाश्त नही कर पाया। और मेरे कारण एक बार मामला पुलिस तक पहुंच चूका था। ये लड़के मेरे से घबराते थे क्योंकि उनको मालूम था की मैं उनसे डरता नही हूँ और उनसे निपटने के लिए किसी भी हद तक जा सकता हूँ। दूसरा कारण ये था की पूरा मुहल्ला उन्हें पहचानता था और उन्हें किसी का भी समर्थन प्राप्त नही था।
                आज सुबह सुबह उन्हें खड़ा देखकर मूड खराब हो गया। वो मुझे देखकर मेरी तरफ बढ़े। मैं थोड़ा सावधान हो गया। वो मेरे सामने आकर खड़े हो गए। उनमे से एक लड़का, जो आमतौर पर उनका गैंग लीडर होता था मुझसे बोला, " अंकल जी, भारत माता की जय। "
                 " भारत माता की जय। " मैंने जवाब में कहा।
                " ऐसे नही अंकल, जरा जोर लगाकर बोलिए की भारत माता की जय। " वो गुस्ताखी से बोला।
                 " क्यों कोई जबरदस्ती है ? " मैंने प्रतिवाद किया।
                " जबरदस्ती की क्या बात है। लेकिन आपको भारत माता की जय बोलने में क्या आपत्ति है। " वो बोला।
                 " हाँ, मुझे आपत्ति है। मैं तुम्हारे कहने से भारत माता की जय क्यों बोलूं। तुम होते कोण हो ?" मुझे गुस्सा आने लगा।
                " आपको भारत माता की जय तो बोलना ही होगा। वरना तुम्हे इस देश में रहने का कोई अधिकार नही है। " वो आप से तुम पर आ चूका था। और उसकी आवाज तेज होती जा रही थी। तेज आवाज सुनकर चार पांच दूसरे लोग भी आकर खड़े हो गए।
               " किस बात का झगड़ा है सुबह सुबह ? " एक आदमी ने पूछा।
               " ये आदमी कह रहा है की मैं भारत माता की जय नही बोलूंगा। अब आप ही बताइये अंकल की इसको भारत में रहकर भारत माता की जय बोलने से क्या एतराज है। " उसने कहा।
                उस आदमी ने मेरी तरफ देखा और बोला की भाई साहब आपको भारत माता की जय बोलने में क्या एतराज है ?
                 मुझे आश्चर्य हुआ की जिन बदमाशों को पूरा मोहल्ला जानता है उसके कहने पर वो मुझसे जवाब तलब कर रहे हैं। मैंने कहा की मुझे भारत माता की जय बोलने में कोई एतराज नही है लेकिन मैं इनके कहने से क्यों बोलूं ?
                 " सवाल किसके कहने का नही है। सवाल ये है की कहा क्या जा रहा है। हमने इनको भारत माता की जय बोलने को कहा तो इन्होने तो साफ मना कर दिया। अब इस देश का नमक खाने वाला कोई आदमी भारत माता की जय नही बोलेगा तो वो तो गद्दार ही हुआ। " वो लड़का फिर बोला।
                " तुम कोण होते हो मुझे गद्दार कहने वाले ? जाओ नही बोलता, कर लो क्या करोगे। " मेरा सयम जवाब दे गया।
                 " भारत माता की जय तो तुमको बोलना ही होगा। और तुम क्या, तुम जैसे जितने भी गद्दार हैं सबको बोलना होगा। " वो अब हावी होने लगा। तब तक वहां 15 -20 लोगों की भीड़ जमा हो गयी। दो तीन आदमी बीच बचाव करने के लिए आगे आये। वो मुझसे बोले " भाई साहब, क्यों खामख्वाह झगड़ा बढ़ा रहे हो। भारत माता की जय कोई गलत बात तो है नही। एक बार बोल दो और चले जाओ। "
                    " मैं झगड़ा बढ़ा रहा हूँ ? तुम लोग इनकी तरफदारी कर रहे हो। " मुझे उनकी समझ पर अचरज हुआ। आखिर बहुत देर तक झगड़ा चलता रहा। मैं लोगों की समझ पर हैरान था। सभी लोग यही कह रहे थे की भारत माता की जय बोलने में मुझे एतराज क्यों है।
                   अगले दिन सुबह फिर वहां भीड़ लगी हुई थी। जो आदमी कल मुझसे पूछ रहा था की मुझे भारत माता की जय बोलने में क्या एतराज है वो खड़ा उन्ही लड़कों के साथ जोर जोर से बहस कर रहा था। वहां भीड़ जमा थी। मैं भी वहां पहुंचा। मैंने उससे पूछा की क्या बात हुई ? तो उसने बताया की आज उन लड़कों ने उसकी लड़की को घेर लिया और उससे भारत माता की जय बोलने को कहने लगे। मैंने कहा लेकिन उसे भारत माता की जय बोलने में क्या एतराज था ?
                    वो आदमी मुंह फाडे मेरी तरफ देख रहा था।

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