Thursday, July 7, 2016

Vyang -- जरा इस फेरबदल का मतलब समझाइये।


                    एक मशहूर शायर का मशहूर शेर है,
                      बहुत शोर सुनते थे, पहलू में दिल का ,
                       जब काटा तो कतरा -ए -खून न निकला।
            अभी अभी जो मंत्रिमंडल में फेरबदल हुआ है उसके बारे में यही सच है। कई दिन से इस फेरबदल की चर्चाएं थी, राजनैतिक विश्लेषक अपने अपने कयास लगा रहे थे और टीवी चैनलों को खबर ढूढ़ने के लिए फिल्ड में धक्के नहीं खाने पड़ रहे थे। फेरबदल हुआ, बिलकुल वैसा ही जैसे हमेशा होता था। फिर विश्लेषणों का सिलसिला  शुरू हुआ। इस बार पार्टी के लीडर और प्रवक्ता भी शामिल थे। मैं इंतजार कर रहा था की कोई न कोई इसे ऐतिहासिक कहेगा, लेकिन ऐसा तो किसी ने नहीं कहा अलबत्ता इसे खास साबित करने की कोशिश जरूर हो रही थी। मैं एक आम नागरिक की हैसियत से कुछ सवाल पूछना चाहता हूँ और इसके मेरा कोई राजनैतिक मंतव्य भी नहीं है। कोई भी विश्लेषक अगर इन सवालों का जवाब दे सके तो मेहरबानी होगी।
              १. इस फेरबदल के बारे में एक नेता ने कहा की इसमें पढ़े लिखे लोगों को लिया गया। मेरा सवाल ये है की अगर पढ़ा लिखा मंत्री होना अच्छी बात है तो बाकि के अनपढ़ या कम पढ़े लिखे मंत्री क्यों नहीं बदले गए ? अगर पढ़ा लिखा होना किसी अच्छे मंत्री के लिए जरूरी नहीं तो फिर इस बात को क्यों कहा जा रहा है? क्या गम है जिसको छुपा रहे हो ?
               २. अगर कोई मंत्री किसी विभाग में ठीक काम नहीं कर रहा है तो अब उसे बदल  कर दूसरे विभाग का  भट्ठा बिठाने की  जिम्मेदारी क्यों दी गई है ?
                ३. अगर कोई मंत्री किसी विभाग में अच्छा काम कर रहा है, उसे दूसरे विभाग में क्यों बदला गया है ? क्या अब पहले विभाग में योग्य आदमी की जरूरत नहीं है ?
                ४. जो मंत्री निककमे थे, और जिनको हटाया गया है तो एक डिजिटल सरकार को ये पहचानने में दो साल क्यों लग गए ?
                 ५.  अगर किसी मंत्री को उसके विवादित बयानों के कारण हटाया गया है तो उसकी जगह उससे  भी ज्यादा  विवादित बयान देने वालों को क्यों रक्खा गया है ?
                 ६. अगर किसी मंत्री को इसलिए हटाया गया है की उसे केवल चुनाव को ध्यान में रखकर मंत्री बनाया गया था तो अब ऐसे लोग जो आने वाले चुनाव को ध्यान में रखकर मंत्री बनाए गए हैं, उन्हें कब हटाया जायेगा ? और ऐसे लोगों को टैक्स पेयर के पैसे से वेतन इत्यादि दिया जायेगा या नहीं ?
                 ७.  बड़ा मंत्रिमण्डल कुशलता की निशानी होता है या फिजूलखर्ची की ?  अगर कुशलता की होता है तो बाकि के सांसदों को भी मंत्री क्यों नहीं बनाया गया ? अगर फिजूलखर्ची की होता है तो देश की कौनसी लाटरी लग गई है जो इतना बड़ा मंत्रिमंडल बना दिया गया ?  

No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.